Friday, February 9, 2024

सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी: एक सेवा -यात्रा वृताांत

 सैन्य सेवा के कार्यकाल मैमुझेभारतीर् सेना मैरहतेहुए सतपुड़ा की रानी कहलानेवालेपचमढ़ी मैसेवाएं देनेका अवसर ममला जो काफी रोचक तथा मेरेभमवश्व

की नीव रखनेवाला सामित हुआ। र्ह मिमिश राज के जमानेसेएक छावनी रही हैतथा र्हााँअभी आमी एजुके शनल कोर िरेमनंग कॉलेज और सेंिर, पचमढ़ी है

मजसकी उत्पमि 24 अप्रैल 1921 को हुई थी। 

आमी एजुके शनल कोर िरेमनंग कॉलेज और सेंिर इस कोर की िरेमनंग के अलावा मवमभन्न कोसेज चलाता हैर्ह स्वार्ि महामवद्यालर् िरकतुल्लाह मवश्वमवद्यालर्, 

भोपाल सेसंिद्ध है। लंिेपाठ्यक्रम मैर्ह म्यूमजक , मवदेशी भाषा तथा मशक्षा मेंस्नातक एवं पुस्तकालर् और सूचना मवज्ञान की उपामि प्रदान करता है।

र्हााँसेवाएं देतेहुए तथा उपामि अमजयत करतेहुए (पुस्तकालर् और सूचना मवज्ञान की उपामि ) मुझेमवमभन्न जगहोंपर जानेका अवसर ममला। र्हााँकी िाररस , 

मपपररर्ा रेलवेस्टेशन सेइसकी दू री (लगभग 54 मकलोमीिर ) , रास्तेमैपड़ती देनवा नदी एक अलग ही अहसास मदलवाती है। रात के समर् र्हााँलगभग रोड पर

र्ातार्ात के सािन नही ंहोतेक्ोंमक जंगली जानवरो का खतरा होता है। िैक्सी भी एक समर् िाद र्हााँनही ंममलती तथा सतपुड़ा रेंज मैहोनेकी वजह सेर्हााँ

सरकार की तरफ सेकु छ प्रमतिन्ध लगाए गए है। 

मचत्र, 1 : मुख्य द्वार सेना मशक्षा कोर पररमशक्षण कॉलेज एवं कें द्र

सतपुड़ा राष्ट्रीर् उद्यान का भाग होनेके कारण र्हााँआसपास िहुत घनेजंगल हैं। र्हााँके जंगलोंमेंशेर, तेंदुआ, सांभर, चीतल, गौर, मचंकारा, भालू, भैंस तथा कई

अन्य जंगली जानवर ममलतेहैं। र्हााँकी गुफाएाँपुरातात्विक महि की हैं, क्ोंमक र्हााँगुफाओंमेंशैलमचत्र भी ममलेहैं। इसे अंग्रेजोंके शासन काल में मध्य प्रांत की

राजिानी िनार्ा था । र्हााँअभी भी मध्यप्रदेश केमंमत्रर्ोंतथा उच्च शासकीर् अमिकाररर्ोंके कार्ायलर्, कु छ मदनोंकेमलए पचमढ़ी मेंलगतेहैं। ग्रीष्म काल में

र्हााँअमिकाररर्ोंकी अनेक िैठकेंभी होती हैं। र्ह आरोग्य मनवास के रूप मेंउपर्ोगी है। 

पचमढ़ी केदर्शनीय स्थल : पचमढ़ी मैववविन्न दर्शनीय स्थल हैउनमेसेकु छ वनम्न है।

र्हााँमहादेव, चौरागढ़ का मंमदर, रीछागढ़, डोरोथी डीप रॉक शेल्टर, जलावतरण, सुंदर कुं ड, इरन ताल, िूपगढ़, सतपुड़ा राष्ट्रीर् उद्यान है। सतपुड़ा राष्ट्रीर् उद्यान

1981 मेंिनार्ा गर्ा मजसका क्षेत्रफल 524 वगयमकलोमीिर है। र्ह प्राकृ मतक सौंदर्यसेभरपूर है। र्हााँरुकनेकेमलए उद्यान केमनदेशक सेअनुममत लेना जरूरी है।

इसके अलावा र्हााँकै थोमलक चचयऔर क्राइस्ट चचयभी हैं।

मचत्र, 2: चौरागढ़ का मंमदर मचत्र,3: कै थोमलक चचयमचत्र 4: रीछागढ़